पशुओं के महामुकाबले के नतीजे आए सामने..... किसने किसको छोड़ा पीछे?????

भिवानी पशु मेला:-चरखी दादरी को घोड़े ने और करनाल को गाय ने दिलाया सम्मान>>>

 जैसा की आप सब जानते है की भिवानी में पशु मेला जारी है। जहा भारी मात्रा में पशुपालक अपने अपने पशुओं के साथ पहुंचे हैं। पशुओं की प्रतियोगिताएं भी करवाई जा रही हैं। 26 फरवरी शनिवार को हुई प्रतियोगिता में सभी पशुओं का जलवा सरहानीय था लेकिन पहले स्थान पर तो एक ही आ सकता है। 


घोड़ों की बात की जाए तो....... 

(दो से चार दाँत अश्व श्रेणी)

प्रथम स्थान मिला>>

घोड़ों की प्रतियोगिता में दादरी के गांव करिरूपा के महंत के घोड़े ने प्रथम स्थान प्राप्त किया। 

द्वित्य स्थान मिला>> 

घोड़ों की ही प्रतियोगिता में दूसरा स्थान प्राप्त करने वाला घोड़ा चरखी दादरी के गांव असावरी के प्रदुमन का रहा। 

तृत्य स्थान मिला>> 

बालसमंद जिला हिसार के निवासी पवन के घोड़े ने तीसरा स्थान अपने नाम किया।    

गायों की बात की जाए तो.......


(हरियाणा श्रेणी)

प्रथम स्थान मिला>> 

करनाल जिले के दादूपुर खुर्द गांव के निवासी सतबीर सिंह की साहीवाल नस्ल की गाय ने प्रथम स्थान अपने नाम कर लिया। 

द्वित्य स्थान मिला>>

गांव तरावड़ी जिला करनाल के निवासी अनुज कुमार की गाय द्वित्य स्थान अपने नाम करने में सफल रही।

तृत्य स्थान मिला>>

अनुज के ही गांव तरावड़ी निवासी नवदीप की गाय ने अपने आप को तृत्य स्थान के काबिल बनाया। 

(हरियाणा नस्ल की दुधारू गाय श्रेणी)

प्रथम स्थान मिला>>

सतबीर की गाय रही प्रथम स्थान पर जो झज्जर की खरमाण गांव से है। 

द्वित्य स्थान मिला>>

दूसरा स्थान अपने नाम कराने वाली गाय गांव दादूपुर जिला करनाल के निवासी राजबीर की है 

तृत्य स्थान मिला>>

अखेड़ी मदनपुर जिला झज्जर की गाय पार्टियोगीता में तृत्य स्थान अपने नाम करने में सफल रही। 

(साहीवाल गाय दो से चार दांत श्रेणी) 

प्रथम स्थान मिला>>

झज्जर जिले के निवासी अशोक की गाय ने यह स्थान अपने नाम किया। 

द्वित्य स्थान मिला>>

द्वित्य स्थान का ख़िताब जीता है बादली निवासी कुलबीर की गाय ने। 

तृत्य स्थान मिला>>

युवराज खुराना जो रोहतक के निवासी है, इनकी गाय ने यह स्थान प्राप्त किया। 

(साहीवाल गाय शुष्क श्रेणी)  

प्रथम स्थान मिला>>

गांव दादूपुर खुर्द जिला करनाल के निवासी वासुदेव की गाय ने यह स्थान प्राप्त किया। 

द्वित्य स्थान मिला>>

जित्तेन्द्र सिंह गिल्लांखेड़ी निवासी की गाय ने यह स्थान अपने नाम किया। 

तृत्य स्थान मिला>>

तृत्य स्थान को हासिल करने वाली गाय तरावड़ी से आई है।

(संकर नस्ल की दुधारू गाय)

प्रथम स्थान>>

महेंद्रगढ़ के गांव गुढ़ा निवासी नीतू की गाय ने प्रथम स्थान प्राप्त किया। 

द्वित्य स्थान>> 

दादूपुर खुर्द गांव जिला करनाल के निवासी सतबीर की गाय ने दूसरा स्थान प्राप्त किया। 

तृत्य स्थान>> 

महेंद्रगढ़ के गांव गुढ़ा निवासी नीतू की गाय ने तीसरा स्थान प्राप्त किया।  

नर भैस की बात की जाए तो......


(हरियाणा नस्ल के प्रजनन योग्य झोटे की श्रेणी)

प्रथम स्थान मिला>> 

पानीपत निवासी नरेंद्र के झोटे  ने पहला स्थान प्राप्त  किया।

द्वित्य स्थान मिला>> 

कृष्ण कुमार जो मोखरा निवासी हैं उनके झोटे ने तीसरा स्थान प्राप्त किया। 

तीसरी श्रेणी यहाँ खाली रही 

(प्रजनन योग्य सांड श्रेणी)

प्रथम स्थान मिला>> 

तरावड़ी से आए नवदीप के सांड ने यह ख़िताब अपने नाम किया। 

द्वित्य स्थान मिला>>

गांव डिडवानी जिला पानीपत के निवासी नरेंद्र के सांड ने दूसरा स्थान प्राप्त किया। 

तृत्य स्थान मिला>>

गांव कन्हेली जिला रोहतक के निवासी युवराज खुराना के सांड ने यह ख़िताब अपने नाम किया। 

मादा भैंस की बात की जाए तो......... 


(मुर्राह झोटी दो से चार दांत श्रेणी) 

प्रथम स्थान>>

जिला महेन्दरगढ़ गांव जैनावास के निवासी वीरेंद्र कुमार की झोटी रही प्रथम। 

द्वित्य स्थान>>

गांव सुनारिया कला जिला रोहतक के निवासी राजकरण की झोटी ने दूसरा स्थान अपने नाम किया।

तृत्य स्थान>>

तीसरा स्थान प्राप्त करने वाली झोटी अपने मालिक राजेश कुमार के साथ गांव श्यामसुख जिला हिसार से है। 

गधों की बात की जाए तो......  


(गधा श्रेणी)

प्रथम स्थान>> 

गांव रसूलपुर जिला करनाल के निवासी मोहमद हसन का गधा प्रथम स्थान पर रहा। 

द्वित्य स्थान>>

गांव तिगड़ाना जिला भिवानी के निवासी अमरदास का गधा द्वित्य स्थान प्राप्त करने में कामयाब रहा।    

तृत्य स्थान>>

गांव जैनपुर सधान जिला करनाल के निवासी असन महोम्मद का गधा तीसरे स्थान पर रहा। 

(गधी श्रेणी) 

द्वित्य स्थान>>

गांव जैनपुर सधान जिला करनाल के निवासी रजवान की गधी ने दूसरा स्थान प्राप्त किया। 

तृत्य श्रेणी>>

 गांव जैनपुर सधान जिला करनाल के निवासी रजवान अली की गधी ने तीसरा स्थान प्राप्त किया।   





 







  



  


हरियाणा का मुर्रा और ताऊ का तुर्रा बिखेर रहें है अपनी पहचान.........

आज भिवानी में हरियाणा का मुर्रा और ताऊ का तुर्रा दिखा रहा है अपना जलवा 


इसमें कोई शक्क नहीं की हरियाणा की शान की अगर बात की जाए तो मुर्रा नस्ल के पशु और ताऊ के तुर्रे को नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता। जब इनकी कही बात चलती है तो हरियाणवी संस्कृति की एक अलग ही पहचान बन जाती है। कुछ ऐसा ही मंजर देखने को मिला भिवानी के पशु मेले में जहा हरयाणवी संस्कृति अनेको तरीकों से सहेजी जा रही है। 

भिवानी में होने वाले तीन दिवसीय पशु मेले का आज पहला दिन है और वहाँ की शान देखते  ही बनती है। इस मेले का सुभारंभ किया गया है हरियाणा के राजयपाल बंडारू दत्तात्रेय के द्वारा। जो आज के कार्यक्रम के मुख्य अतिथि भी हैं। इस मेले में प्रदेश के हर कोने से किसान भाई और पशुपालक अपने अपने पशुओं के साथ पहुंच चुके हैं। सभी में चाहे वो जवान हो या बूढ़े, बड़े हो या बच्चे एक अलग ही उत्साह देखने को मिल रहा है। 

अनेक पशु अपने जलवे आज रैंप पर बिखेरेंगे जिनमें 31 लाख के बिक चुके सम्राट का बेटा सरताज और 4 साल का अमित साह भी मौजूद है। प्रदेश में राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपना जलवा दिखा चुके सभी दिगज्जो का मुकाबला देखने को मिलेगा। 

नश्लें और पशु.........


मेले में आने वाली नस्लों और पशुओं में मुर्रा नस्ल की भैस, मुर्रा का झोटा, साहीवाल, थारपार और हरियाणा नस्ल की गाय और सांड के आलावा थ्रेरोबेरड नस्ल के घोड़े और धोड़ी शामिल हैं। घोड़ी रानी और उसकी बेटी टम्मो ने भी आने वालो का ध्यान अपनी और खींचा है। हरियाणा पुलिस के खेलो में अपने प्रदर्शन को साबित कर चुकी मस्टेंग घोड़ी भी आपको देखने को मिलेगी। 

कांटे की टक्कर देने वाले........


5 वर्षीय मुर्रा झोटा सूर्या>>
मालिक सुमेश कुमार तालु के अनुसार सूर्या का पिता सम्राट 31 लाख में बिक चूका है, सूर्या तीन बार इंडियन चैम्पियन रह चूका है, इसके साथ ही बताया की सूर्या की माँ ने 26 किल्लो दूध का रिकॉर्ड तोड़ रखा है। सूर्या के पिता के बारे में आगे बताते हुए सुमेश ने कहा की वह सात बार इंडियन चैम्पियन रह चूका है। 

मुर्रा नस्ली झोटा अर्जुन>>
डोभा गांव के रविंद्र ने बताया की अर्जुन की रोजाना 12 किल्लो खुराक है, और खुराक की पूर्ति के लिए कुल खर्चा ढाई से तीन हज़ार है। उन्होंने बताया की यह रोजाना 10 किलो दूध भी पिता है। अर्जुन की उपलब्धियों के बारे में बताते हुए कहते हैं की यह हरियाणा और पंजाब में हुई प्रतियोगिताओं में नेशनल चैम्पियन है। 

4 वर्षीय मुर्रा झोटा अमित शाह>>
सुरपुरा खुर्द का निवासी संदीप बताते हैं की अमित शाह को वह पैदा होते ही कुछ महीने बाद सवा लाख में खरीदकर लाए थे। बटाला पंजाब में यह आल इंडिया चैम्पियन ख़िताब अपने नाम कर चूका है। उन्होंने बताया की अभी कुरुक्षेत्र में लगे मेले में भी यह दूसरे नंबर पर था। 
 
इनके साथ मुर्रा नस्ल का सुल्तान सिर्फ 12 महीने का है, झोटा राजा , मुर्रा का 13 माह का योगी ढाणी रामजस से, मुर्रा झोटा रूद्र 28 महीने का, तीन साल की मुर्रा झोटी शांति पहली ब्यात में पौने 21 किलो दूध दे चुकी है, जिसकी हर रोज की खुराक दस किलो है। 

वुल बादशाह और बाहुबली भी दिखाएंगे अपना जलवा......... 

रोहतक से लेकर आए देशवाल डेयरी फार्म के शाहीवाल वुल बादशाह और बाहुबली के मालिक दलबीर ने बताया की बाहुबली आठ साल का है जो 15 क्विंटल वजनी है। इनकी उपलब्धिया भी कम नहीं हैं, अगर बात करें तो बता दे की झज्जर में 2018 में रनर अप रिंग चैम्पियन और ब्रीड चैम्पियन रह चूका है। इसकी कीमत लगभग 50 लाख आंकी जा  चुकी है। इसका इस्तेमाल मुख्य रूप से सीमेन के लिए किया जाता है। इसकी बछड़ी 18 से 20 किलो दूध दे रही है। 

"राठी नस्ल की ओम और शिवा और साहीवाल के शंकर और संभु के आलावा थारपार का भोला भी मेले में आए हैं"- खाराखेड़ी फतेहाबाद के सचिदानंद गिरी महाराज के द्वारा
        

घोड़े और घोड़ियों का जलवा........


मेले में आठ साल की घोड़ी और नौ साल का घोडा भी अपने मालिक नृपेश महलावत (गुरुग्राम) के साथ आए है। जिसमे घोड़ी का नाम मस्टेंग और घोड़े का नाम नोवा है। ये दोनों थ्रेरोब्रेड नस्ल के बहोत तेज तरार दौड़ने वाले घोड़े हैं। इनकी उपलब्धि अगर देखि जाए तो इन्होने जयपुर और दिल्ली में नेशनल चैंपियन का ख़िताब अपने नाम कर रखा है। घोड़ी मस्टेंग ने हरियाणा पुलिस खेलों में इनाम जीते हैं 

दूसरी ओर कांकरोल आईएमटी मानेसर के धीरज बताते है की उसकी साढ़े आठ साल की घोड़ी रानी व आठ माह की बेटी टम्मों भी मेले में ऊँची कूद और करतब के लिए काफी मशहूर है। 

भिवानी में चल रहे इस मेले का कार्यक्रम तीन दिन का निर्धारित किया गया है। जो 25 से 28 फरवरी तक होने वाला है। 

बिना आवेदन नहीं होगी आपके पशु की एंट्री पहले ही जान ले ये बातें

भिवानी में होने वाले पशु मेले के लिए कैसे करवाएं अपने पशुओं एंट्री, क्या क्या है जरूरी.........

जैसा की आप सबको पता है की हरियाणे के जिला भिवानी में लगने जा रहा है राज्य का बहोत बड़ा पशु मेला। जिसमें दूर दूर से किसान और पशुपालक अपने अपने पशुओं को लेकर आएँगे। 
   
आपको बता दें की हरियाणा के कुरुक्षेत्र के बाद अब भिवानी में भी अब पशु मेले का आयोजन होने जा रहा है। यह मेला 25 फरवरी से 27 फरवरी तक भिवानी के सेक्टर 13 के सामने खाली पड़े मैदान में लगेगा। इस मेले में कुल 12 प्रजातियों को शामिल किया गया है जो इस प्रकार हैं गाय, भैस, बैल, खागड़, भेड़, बकरी, मेंढे, ऊट, घोड़े, सूअर, और गधे।
सभी किसान भाई और पशुपालक अपने अपने पशुओं को लेकर प्रदर्शनी में शामिल हो सकतें हैं। पशुओं को मेले में शामिल करने के लिए पहले ऑनलाइन आवेदन करवाना अनिवार्य होगा नहीं तो पशुओं का प्रवेश वर्जित हैं।
 

कैसे करवाए पशुओं का आवेदन??  

इस मेले के हाइर ऑथोरिटी  डायरेक्टर ने बताया की पशुओं का ऑनलाइन पंजीकरण करवाना अनिवार्य है। उन्होंने बताया की "यह आवेदन हमारे पशु चिकित्सकों के स्तर पर होगा, चिकित्सक जो फॉर्म भरेंगे वो हमारे पास भेज देंगे और हम उनका ऑनलाइन आवेदन कर देंगें।" साथ ही उन्होंने बताया की 24 तारीख तक पशु मेले के स्थान पर पहुंच जाने चाहिए ताकि सभी पशुओं को उनके नंबर दे दिए जाए जिसके बाद वो इन नंबरों से ही जाने जाएंगे।
 

किस पशु चिकित्सक से करवाए आवेदन??

यह आवेदन आप अपने इलाके के किसी भी वीएलडीए सर्जन से करवा सकते हैं। जिसके बाद वो आपके आवेदन को ऑनलाइन माध्यम से हेडक्वाटर पंचकूला भेज देगा। ताकि आगे का पंजीकरण हो सके।

पंजीकरण के बाद मेले में कैसे ले पशुओं के नंबर?? 

जब आप पशुओं को लेकर मेले में पहुंच जाएंगे तो वहा हर जिले के अलग अलग काउंटर बने होंगे। वहाँ आप अपने जिले वाले काउंटर पर जाकर अपने पंजीकरण का फॉर्म दिखाकर नंबर ले सकते हैं। 

खेल खेल में रस्सी ने ली जान, और बन गई मौत की खिलौना 😯😱😨

खेल खेल में 11 वर्षीय बच्चे की गई जान, खेल की रस्सी बनी मौत का खिलौना


भिवानी के जाग्रति कॉलोनी के 11 वर्षीय किशोर की फांसी लगने से मौत.....



भिवानी:- मामला भिवानी के जागृत कॉलोनी क्षेत्र का है। एक 11 वर्षीय किशोर ने खेल खेल में छत पर लटकी रस्सी को अनजाने में गले में डाल लिया और रस्सी गई बन मौत की वजह। 

18 वर्षीय कमल अपने घर की छत पर बने कमरे में खेल रहा था। कमल अकेला ही खेल रहा था उस वक़्त छत पर कोई दूसरा बच्चा नहीं था। कमल ने खेल खेल में कमरे में टंगी रस्सी को अपने गले में डाल लिया और गले में  अटकने से कमल की मौत हो गई। जब काफी समय बाद घर वालों ने छत पर जाकर देखा तो कमल को लटका हुआ पाया। लेकिन तब तक बहोत देर हो चूकी थी। कमल को इस हालत में पाया देखकर परिजनों ने तुरंत पुलिस को खबर दी पुलिस ने आकर शव को उतारा और पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया।

 
पुलिस ने शव का पोस्टमॉर्टम कराकर परिजनों को सौप दिया। पुलिस के अनुसार कमल के बुआ के लड़के सचिन ने बताया की कमल चौथी कक्षा का विद्यार्थी था जिसकी फांसी से मौत हो गई। वह छत पर अकेला खेल रहा था उसके साथ कोई दूसरा नहीं था। 

मामले की जाँच कर रहे एचसी प्रदीप ने बताया की कमल 10-11 साल का लड़का था जिसका शव अपने घर के ऊपर वाले कमरे में फांसी से लटका मिला। कमल के पता के बयान में भी यही सामने आया है की छत पर लटक रही रस्सी ही मौत का कारण बनी है। इसके बाद इस इत्तेफाकिया मौत की जाँच शुरू कर दी गई।   

घर में खेल रहे बच्चों को यु ही न खेलने दे उन पर निगरानी रखे। हर जानलेवा चीज़ों को इनसे दूर रखें।🙏🙏 

"रात होते ही सुनाई देती थी गोलियों की आवाज़" दहसत में जी रहे भारतीयों के दर्द भरे बयां

यूक्रेन में रह रहे लगभग 20,000 भारतीयों वो वापिस भारत लाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है, मगलवार रात को एयर इंडिया की फ्लाइट से वापिस आए 242 भारतीयों ने अपने दर्द को बयां किया  


जैसा की अभी के हालतों से सभी परिचित है की यूक्रेन और रूस के बीच कैसे हालत है। इन सभी हालातों को मध्य नज़र रखते हुए भारत सरकार ने यूक्रेन में रह रहे सभी भारतीयों से गुज़ारिस की है की वो जल्दी से जल्दी यूक्रेन से भारत लौट आएं। इन सब के चलते मगलवार रात को एयर इंडिया की फ्लाइट के जरिये 242 भारतियों को भारत सुरक्षित वापिस लाया गया। इन सभी में विद्यार्थियों की संख्या ज्यादा देखने को मिली। 


आने वाले भारतीयों के दर्द भरे बयान:-


यूक्रैन से लौटने पर सभी भारतीयों ने दिए बयान, सभी के बयानों में दर्द साफ़ नज़र आ रहा था........ 

आने वाले 242 छात्रों में ज्यादातर छात्र मेडिकल की पढाई कर रहे थे। बढ़ते तनावों की वजह से छात्रों की पढाई और उनके सपनों पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ा है।

भारी मात्रा में सैनिक और वॉर टैंक पहुंच रहे सीमाओं पर........   

मेडिकल की पढाई कर रही तनवी पश्चिमी यूक्रेन में रहती है। उनका कहना है की अभी पश्चिमी यूक्रेन में हालत इतने ख़राब नहीं है लेकिन उत्तरी यूक्रेन में हालत बहोत ख़राब है। अभी हालत सुधरने की कोई उम्मीद नज़र नहीं आ रही। तनवी पिछले 2 साल से यूक्रेन में मेडिकल की पढाई कर रही है। तनवी से मिली जानकारी के मुताबिक रूस ने भरी मात्रा में यूक्रेन की सिमा पर हथियार टैंक और बारूद की सप्लाई सुरु कर रखी है। लगभग यूक्रेन की सभी सीमाओं पर रूस के सैनिकों की टुकडिया तैनात है।

रात के सन्नाटे में सुनाई देती थी गोलिओं की आवाज़..........

साक्षी (20 वर्षीय) दिल्ली से मेडिकल की पढाई करने गई थी यूक्रेन। उनका कहना है की यूक्रेन में हालत बहोत चिंताजनक हो चुके है, दिन रात पुलिस पेट्रोलियम करती रहती है। रात के सन्नाटे में गोलियों की आवाज़ बिलकुल स्पस्ट रूप से कानो में पड़ती थी जिनसे वह बहोत सहम जाती टी और इन सब के चलते ही उन्होंने भारत वापिस लौटने का फैसला किया। भारत आने पर उन्होंने सुकून की साँस ली और कहा की भारत आने पर मानों एक नया जीवन मिल गया हो।





छात्रों के सपने हुए चकनाचूर..........

युद्ध से हमेशा नुकसान ही हुआ है चाहे वो नुकसान किसी भी रूप में हो। यूक्रेन रूस में बढे तनाव के कारण यूक्रेन में पढ़ रहे छात्रों के सपने चकनाचूर होते दिखाई दे रहे है। मेडिकल का ही एक और छात्र रियांस (18 वर्षीय) का कहना है की वह यूक्रेन में डॉक्टर बनने का सपना लेकर गए थे उनके माता पिता ने बहोत ही कष्ट से एक एक पैसा जोड़कर उन्हें यूक्रेन भेजा था। लेकिन अपने सपने को अधूरा छोड़कर आना पड़ेगा इसकी उम्मीद नहीं की थी।

सभी भारतीयों में दहसत का माहौल........... 

हरियाणा के सोनीपत से डॉक्टर बनने सपना लेकर 6 महीने पहले गई निकिता कहती है की उन्होंने सोचा नहीं था की इतनी जल्दी वापिस आना पड़ेगा वो भी बिना सपना पूरा किये। उनके बयान के मुताबिक यूक्रेन में रह रहे सभी भारतीय जल्द जल्द वापिस आना चाहते है क्योकि वहा सब के अंदर दहसत का माहौल बना हुआ है।
 

कुछ लोगों ने हालातों को लेकर किया गया दावा गलत ठहराया..........   

यूक्रेन से आने वाले यात्रियों में से कुछ ने हालातों के बारे में किये गए दावों को गलत बताते हुए कहा की अभी इतने ख़राब हालत नहीं है जितने की टीवी पर दिखाए जा रहे हैं लेकिन हालात बिगड़ने की पूरी आशंका है। 

सभी लौटने वाले यात्रिओं के बयान से यह पता चला है की दोनों देशों के बिच हालत सही नहीं है और युद्ध के बदल छाए हुए है। आपको बता दे की यूक्रेन में भारतीय मूल के 20,000 से अधिक नागरिक रहते है। सबको अभी वहा से निकालने के लिए प्रयास किये जा रहे हैं।




               

25 साल पुराने केस की हुई सुनवाई, दोसी को मिली सजा, 1996 का केस, 2022 में सुनवाई

1996 का चारा घोटाला देश के सबसे बड़े घोटालों में से एक है, और इस पर अभी तक कार्यवाही चल रही है, जिसका फैसला 2022 में हुआ और दोषी को मिली सजा..... 

आज हम बात करेंगे इन विषयों पर:-  

क्या है चारा घोटाला??

कब हुआ यह घोटाला??

कितने का हुआ था घोटाला?? 

कौन कौन था घोटाले में शामिल?? 

कब कब हुई इस पर कार्यवाही?? 

इस केस से जुड़े मुख्य पहलु??

आपको बता दें की सन्न 1996 में भारत में बहोत बड़े पैमाने पर घोटाल हुआ था, जिसे चारा घोटाला के नाम से जाना जाता है। 


क्या है चारा घोटाला??  

पशुओं को चारा देने के नाम पर, उनकी दवाईयों के नाम पर सरकारी ख़ज़ाने से 950 करोड़ की धनराशि निकाल ली गई। इस राशि का प्रयोग जहाँ करना था वहाँ न करके अधिकारीयों और कर्मचारियों ने अपनी जेब भर ली। जब पशुपालन विभाग में चाईबासा के उपायुक्त अमित खरे ने छापेमारी की तो यह घोटाला सामने आया। 

कब हुआ यह घोटाला?? 

अगर हम बात करें  घोटाले के घटित होने के समय की तो यह मामला 1996 में प्रकाश में आया था। उसके बाद से ही इस केस की कार्यवाही चल रही है।

कितने का हुआ था घोटाला??

इस घोटाले की कुल कीमत 950 करोड़ रूपए आंकी गई है जिसमे अलग अलग कोषागारों का प्रयोग किया गया था। 

कौन कौन था घोटाले में शामिल??

अगर बात की जाए इस घोटाले में शामिल होने आरोपियों की तो आपको बता दें की बड़े  दिग्गज नेता और खूब बड़े बड़े अधिकारी भी शामिल थे। बता दें की इस मामलें में कुल 175 लोगों पर कार्यवाही के आदेश थे। जिनमे से 55 लोगों की मौत हो चुकी है 7 सरकारी गवाह बन चुके है और 2 ने अपने ऊपर लगे आरोपों को स्वीकार कर लिया और 6 आरोपी फरार हैं। बड़े बड़े नेताओं की लिस्ट में तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू पार्षद यादव, पूर्व सांसद जगदीश शर्मा, तत्कालीन लोक लेखा समिति के अध्यक्ष ध्रुव भगत, पशुपालन सचिव बेक जुलिअस,पशुपालन निदेशक डॉ के एम प्रसाद शामिल हैं। 

कब कब हुई इस केस पर कार्यवाही??

जनवरी 1996: छापेमारी की और घोटाला आया सामने 

मार्च 1996: उच्च न्यायलय ने सीबीआई को दिए जांच के आदेश 

जून 1997: सीबीआई द्वारा पहली बार लालू को आरोपी बताया गया 

जुलाई 1997: मुख्यमंत्री पद से दिया इस्तीफा(लालू यादव ने), अपनी पत्नी राबड़ी देवी को राज्य की मुख्यमंत्री बनाकर राजनीती अपने हाथ में ही रखी

अक्टूबर 2001: मामला झारखण्ड उच्च न्यायलय में पहुंचा(नया राज्य झारखण्ड बनने पर)

फरवरी 2002: सीबीआई अदालत ने चारा घोटाला मामले में सुनवाई शुरू कर दी

सितम्बर 2013: पहली बार लालूको पांच साल की सजा सुनाई, उन्हें लोकसभा सदस्यता से अयोग्य घोसित कर दिया,चाईबासा कोषागार मामले में 37.70 करोड़ की अवैध निकासी पर हुई सजा, परन्तु उसी साल सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी 

दिसम्बर 2017: सीबीआई अदालत ने देवघर कोषागार से 89.27 लाख रूपए की निकासी पर दूसरे घोटाले में दोषी ठहराया गया, उन्हें 3.5 साल की सजा सुनाई गई लेकिन आधी सजा पूरी  उन्हें जमानत दे दी गई

जनवरी 2018: 33.13 करोड़ रूपए की अवैध निकासी के मामले में पूर्व मुख्यमंत्री को तीसरी सजा मिली जो पांच साल के लिए थी

मार्च 2018: सीबीआई की विशेष अदालत ने पार्षद को दिसम्बर 1995 से जनवरी 1996 तक दुमका किसागर से धोखाधड़ी से 3.76 करोड़ रूपए की निकासी से सम्बंधित घोटाला मामले में साज़िश और भ्र्ष्टाचार के आरोप के तहत दोषी ठहराया था। उन्हें जेल की सजा के साथ 60 लाख का जुर्माना भी भरने को कहा गया। 

अप्रैल 2021: झारखण्ड उच्च न्यायालय ने लालू को जमानत दे दी 

फरवरी 2022: डोरंडा केस के तहत लालू को 5 साल की सजा और 60 लाख का जुर्माना लगाया गया
 

इस केस से जुड़े मुख्य पहलु??

  • यह केस 1996 से चल रहा है 
  • इस केस को अमित खरे की छापेमारी में सिद्ध हुए घोटाले के बाद शुरू किया गया था 
  • इस केस में बड़े नेताओं से लेकर प्रतिष्ठित अधिकारी भी शामिल है 
  • इस केस में कुल 170 आरोपी थे जिनमे से 55 की मौत हो चुकी है, सात सरकारी गवाह बन चुके है और दो ने अपने ऊपर लगे आरोपों को स्वीकार कर लिया, और छह अभी तक फरार हैं 
  • घोटाले की रकम 950 करोड़ रूपए आंकी गई है