"रात होते ही सुनाई देती थी गोलियों की आवाज़" दहसत में जी रहे भारतीयों के दर्द भरे बयां

यूक्रेन में रह रहे लगभग 20,000 भारतीयों वो वापिस भारत लाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है, मगलवार रात को एयर इंडिया की फ्लाइट से वापिस आए 242 भारतीयों ने अपने दर्द को बयां किया  


जैसा की अभी के हालतों से सभी परिचित है की यूक्रेन और रूस के बीच कैसे हालत है। इन सभी हालातों को मध्य नज़र रखते हुए भारत सरकार ने यूक्रेन में रह रहे सभी भारतीयों से गुज़ारिस की है की वो जल्दी से जल्दी यूक्रेन से भारत लौट आएं। इन सब के चलते मगलवार रात को एयर इंडिया की फ्लाइट के जरिये 242 भारतियों को भारत सुरक्षित वापिस लाया गया। इन सभी में विद्यार्थियों की संख्या ज्यादा देखने को मिली। 


आने वाले भारतीयों के दर्द भरे बयान:-


यूक्रैन से लौटने पर सभी भारतीयों ने दिए बयान, सभी के बयानों में दर्द साफ़ नज़र आ रहा था........ 

आने वाले 242 छात्रों में ज्यादातर छात्र मेडिकल की पढाई कर रहे थे। बढ़ते तनावों की वजह से छात्रों की पढाई और उनके सपनों पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ा है।

भारी मात्रा में सैनिक और वॉर टैंक पहुंच रहे सीमाओं पर........   

मेडिकल की पढाई कर रही तनवी पश्चिमी यूक्रेन में रहती है। उनका कहना है की अभी पश्चिमी यूक्रेन में हालत इतने ख़राब नहीं है लेकिन उत्तरी यूक्रेन में हालत बहोत ख़राब है। अभी हालत सुधरने की कोई उम्मीद नज़र नहीं आ रही। तनवी पिछले 2 साल से यूक्रेन में मेडिकल की पढाई कर रही है। तनवी से मिली जानकारी के मुताबिक रूस ने भरी मात्रा में यूक्रेन की सिमा पर हथियार टैंक और बारूद की सप्लाई सुरु कर रखी है। लगभग यूक्रेन की सभी सीमाओं पर रूस के सैनिकों की टुकडिया तैनात है।

रात के सन्नाटे में सुनाई देती थी गोलिओं की आवाज़..........

साक्षी (20 वर्षीय) दिल्ली से मेडिकल की पढाई करने गई थी यूक्रेन। उनका कहना है की यूक्रेन में हालत बहोत चिंताजनक हो चुके है, दिन रात पुलिस पेट्रोलियम करती रहती है। रात के सन्नाटे में गोलियों की आवाज़ बिलकुल स्पस्ट रूप से कानो में पड़ती थी जिनसे वह बहोत सहम जाती टी और इन सब के चलते ही उन्होंने भारत वापिस लौटने का फैसला किया। भारत आने पर उन्होंने सुकून की साँस ली और कहा की भारत आने पर मानों एक नया जीवन मिल गया हो।





छात्रों के सपने हुए चकनाचूर..........

युद्ध से हमेशा नुकसान ही हुआ है चाहे वो नुकसान किसी भी रूप में हो। यूक्रेन रूस में बढे तनाव के कारण यूक्रेन में पढ़ रहे छात्रों के सपने चकनाचूर होते दिखाई दे रहे है। मेडिकल का ही एक और छात्र रियांस (18 वर्षीय) का कहना है की वह यूक्रेन में डॉक्टर बनने का सपना लेकर गए थे उनके माता पिता ने बहोत ही कष्ट से एक एक पैसा जोड़कर उन्हें यूक्रेन भेजा था। लेकिन अपने सपने को अधूरा छोड़कर आना पड़ेगा इसकी उम्मीद नहीं की थी।

सभी भारतीयों में दहसत का माहौल........... 

हरियाणा के सोनीपत से डॉक्टर बनने सपना लेकर 6 महीने पहले गई निकिता कहती है की उन्होंने सोचा नहीं था की इतनी जल्दी वापिस आना पड़ेगा वो भी बिना सपना पूरा किये। उनके बयान के मुताबिक यूक्रेन में रह रहे सभी भारतीय जल्द जल्द वापिस आना चाहते है क्योकि वहा सब के अंदर दहसत का माहौल बना हुआ है।
 

कुछ लोगों ने हालातों को लेकर किया गया दावा गलत ठहराया..........   

यूक्रेन से आने वाले यात्रियों में से कुछ ने हालातों के बारे में किये गए दावों को गलत बताते हुए कहा की अभी इतने ख़राब हालत नहीं है जितने की टीवी पर दिखाए जा रहे हैं लेकिन हालात बिगड़ने की पूरी आशंका है। 

सभी लौटने वाले यात्रिओं के बयान से यह पता चला है की दोनों देशों के बिच हालत सही नहीं है और युद्ध के बदल छाए हुए है। आपको बता दे की यूक्रेन में भारतीय मूल के 20,000 से अधिक नागरिक रहते है। सबको अभी वहा से निकालने के लिए प्रयास किये जा रहे हैं।




               

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